ब्लाइंड पीपल्स एसोसिएशन में दृष्टिहीनों के लिए 10वें स्टेट लेवल शतरंज टूर्नामेंट में 16 वर्षीय राहुल
वाघेला ने एक अंतरराष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ी दिनेश राजपुरोहित के खिलाफ ड्रॉ कर एक तरह का
रिकार्ड बना दिया है | इस टूर्नामेंट में राजपुरोहित एक रैंक वाले खिलाड़ी थे वही राहुल बिना किसी
रैंकिंग के ओपन कैटेगरी में प्रतिस्पर्धा कर रहे थे | टूर्नामेंट के शतरंज coordinator परितोष दवे ने
बताया की राहुल वाघेला टूर्नामेंट में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी भी थे और ओपन कैटेगरी में जीतने
वाले पहले खिलाड़ी थे |
परितोष दवे ने बताई ये बात
एक इंटरव्यू में बात करते हुए परितोष दवे ने ये भी कहा की “ओपन कैटेगरी मुख्य रूप से Rookie खिलाड़ियों के लिए है जिन्हें अनुभवी खिलाड़ियों के खिलाफ खेलने का मौका मिलता है | राहुल पहले टूर्नामेंट खेल चुके है पर उन्हें अब तक रैंक नहीं मिली है | ये संभवत पहली बार हुआ है की किसी बिना रैंक वाले खिलाड़ी ने रैंक वाले खिलाड़ियों को पिछे छोड़ते हुए टूर्नामेंट जीता है |
राहुल की कहानी है काफी प्रेरणादायक
ब्लाइंड पीपल्स एसोसिएशन के आधिकारियों ने कहा की राहुल की कहानी काफी प्रेरणादायक है , वो वर्तमान में उन्हीं की एसोसिएशन से 12वीं कक्षा की पढ़ाई कर रहे है | वो जामनगर जिले के जोदिया के पास मेदपार गांव के रहने वाले है | उनका परिवार झाडू बनाने और बेचने का काम करते है , बोर्ड की तैयारी के लिए ब्लाइंड पीपल्स एसोसिएशन में जाने से पहले वो भी इस बिजनेस में अपने परिवार की मदद करते थे | राहुल के परिवार में किसी भी व्यक्ति का शतरंज के साथ कोई संबंध नहीं है पर राहुल इसे खेलना काफी पसंद करते है |
अब ज़ोनल लेवल पर खेलेंगे राहुल
बता दे इस 10वें स्टेट लेवल शतरंज टूर्नामेंट में कुल 115 नेत्रहीन शतरंज खिलाड़ियों ने भाग लिया था जिनमें से 20 इंटरनेशनल रेटिंग वाले थे और राहुल ने दो खिलाड़ियों को हराया था | आयोजकों ने बताया की जालपन भट्ट और प्रग्नेश सोलंकी द्वारा प्रशिक्षित राहुल अब ज़ोनल लेवल पर गुजरात का प्रतिनिधित्व भी करेंगे |