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अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी7 वर्षीय बोधना ने UK  women’s blitz चैम्पीयनशिप में किया ऐतिहासिक प्रदर्शन

7 वर्षीय बोधना ने UK  women’s blitz चैम्पीयनशिप में किया ऐतिहासिक प्रदर्शन

7 वर्षीय बोधना ने UK  women’s blitz चैम्पीयनशिप में किया ऐतिहासिक प्रदर्शन

हाल ही में इंग्लैंड के लेमिंगटन स्पा में आयोजित हुई UK  women’s blitz चैम्पीयनशिप में 7 वर्षीय
स्कूल की छात्रा बोधना शिवनंदन ने काफी शानदार प्रदर्शन किया और दूसरा स्थान हासिल किया |
इस प्रतियोगिता में सबसे शीर्ष खिलाड़ी थी 41 वर्षीय एल्मिरा मिर्ज़ोएवा के पीछे जो की पूर्व मॉस्को
महिला चैंपियन है | इस ब्लिट्ज टूर्नामेंट का टाइम कंट्रोल 3 मिनट प्रति चाल था वो भी प्रति मूव पर
दो सेकंड की वृद्धि के साथ | 

 

बोधना बन चुकी है रैपिड और ब्लिट्ज चैम्पीयन भी 

बोधना पहले ही रैपिड और ब्लिट्ज में विश्व अंडर-8 गर्ल  चैंपियन बन चुकी है और अब UK women’s blitz चैम्पीयनशिप में दूसरा स्थान पाने के बाद उनकी प्रतिष्ठा और भी बढ़ गई है | बोधना इस टूर्नामेंट के फाइनल तक  8.5/9 के बेहतरीन स्कोर के साथ पहुँची थी और उन्होंने फाइनल से पहले अपने सभी मैच बिना कोई बड़ी गलती किए खेले | अंत में उनका स्कोर 11/14 था और उन्हें सिर्फ एकमात्र  हार मिर्ज़ोएवा  से मिली थी | 

 

इंग्लैंड के पॉपुलर खिलाड़ी ने किया बोधना के लिए ट्वीट 

इस टूर्नामेंट में बोधना के पूरे प्रदर्शन को 2076 FIDE ब्लिट्ज पॉइंट के साथ रेट किया गया था , उन्होंने 328 पॉइंट प्राप्त कर लिए थे | बता दे FIDE के चीफ executive ग्रंड्मास्टर एमिल सुतोव्स्की ने भी बोधना शिवनंदन के इस परिणाम को काफी अद्भुत बताया है | इंग्लैंड के सबसे पॉपुलर खिलाड़ी निगेल शॉर्ट ने भी ट्वीट कर लिखा “ मैं युवा खिलाड़ियों की अधिक प्रशंसा कर उनके लिए अशुभता नहीं लाना चाहता लेकिन ये वास्तव में एक बड़ी प्रतिभा की तरह दिख रही है”| 

 

साल 1938 में दिखा था एक बेहतरीन प्रदर्शन 

साल 1938 में जब ऐलेन सॉन्डर्स 12 वर्ष की थी तब उन्होंने भी इसी तरह का अच्छा प्रदर्शन किया था , उन्होंने उस समय विश्व चैम्पीयन अलेक्जेंडर एलेखिन के साथ मैच को ड्रॉ के काफी करीब पहुँचा दिया था , वही अक्षय कलैयालाहन ने 11 वर्ष की उम्र में ब्रिटिश महिला का खिताब साझा किया था लेकिन 7 वर्षीय  शिवनंदन के इस  परिणाम को सिर्फ पॉपुलर पोलगर बहनों ने पीछे छोड़ा है , जुडिट पोलगर ने  एक बार 7 वर्ष की उम्र में आँखों पर पट्टी बांधकर एक मास्टर को मात दी थी | 

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Darshna Khudania
Darshna Khudaniahttps://thechesskings.com/
मैं शतरंज की प्रशंसक, शतरंज की खिलाड़ी और शतरंज की कहानियों की एक श्रृंखला की लेखक हूं। मैं लगभग 12 वर्षों से शतरंज खेल रही हूं और इसकी चुनौती, जटिलता और सुंदरता के लिए खेल के प्रति आकर्षित थी। मुझे यह एक पेचीदा खेल लगता है जिसके जीवन में विभिन्न अनुप्रयोग हैं। इसने मुझे एक व्यक्ति के रूप में विकसित होने में मदद की है और यह सीखा है कि कैसे अच्छे निर्णय लेने हैं जो मेरे जीवन के पाठ्यक्रम को बदल सकते हैं।

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