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अन्य कहानियांवो ऐतिहासिक मुकाबले जब अनुभवी खिलाड़ियों ने दी थी युवाओं को मात

वो ऐतिहासिक मुकाबले जब अनुभवी खिलाड़ियों ने दी थी युवाओं को मात

वो ऐतिहासिक मुकाबले जब अनुभवी खिलाड़ियों ने दी थी युवाओं को मात

शतरंज एक ऐसा खेल है जिसे खेलने के लिए जिसे खेलते वक्त इस बात का फर्क नहीं पड़ता की आपके
विरोधी की उम्र क्या है , बच्चे से लेकर बड़े सब एक दूसरे के साथ मिलकर इस खेल को खेलते है और
शतरंज के टूर्नामेंट में भी ये ही देखा जाता है | कई बार युवा खिलाड़ी अपनी उम्दा गेम से बड़े-बड़े players
को भी मात दे देते है | आज के समय में शतरंज की दुनिया में प्रज्ञाननंद आर , अलीरेज़ा फ़िरोज़ा ,
अर्जुन एरिगैसी और गुकेश डी जैसे कई युवा खिलाड़ी है जो अपने बेहतरीन खेल से खूब नाम कमा रहे है ,
पर आज हम आपको इस लेख में कुछ उन मैचों के बारे में बताने जा रहे है जिनमें अनुभवी खिलाड़ियों ने
उभरते हुए सितारों के खिलाफ शानदार जीत हासिल की थी | 

 

कास्पारोव-पेट्रोसियन

 

साल 1981 में शतरंज के विश्व चैम्पीयन टाइग्रेन पेट्रोसियन ने 52 साल की उम्र में 18 वर्षीय कास्पारोव को
शानदार डिफेन्स मूव से मात दी थी , पेट्रोसियन को डिफेन्स का मास्टर कहा जाता था और kasparov के
साथ हुए इस  मुकाबले में उन्होंने ये साबित भी कर दिया था | ये मुकाबला तिलबुर्ग में हुआ था और टूर्नामेंट
के अंत में पेट्रोसियन दूसरे स्थान पर रहे थे  क्यूंकि वो GM अलेक्जेंडर बेलियाव्स्की से आधा अंक पीछे रह
गए थे ,वही उस टूर्नामेंट में Kasparov पाँचवे स्थान पर रहे थे | 

 

स्मिस्लोव-इवांचुक 

 

विश्व चैम्पीयन वसीली स्मिस्लोवी ने शतरंज में अपना पहला मुकाबला 1935 में खेला था और 2001 तक
उन्होंने शतरंज में अपना खेल जारी रखा ,अपने करियर के दौरान उन्होंने चार दशकों तक candidates
टूर्नामेंट में भी भाग लिया, साल 1984 में हुए candidates टूर्नामेंट के फाइनल में उनका मुकाबला
GM गैरी कास्पारोव से हुआ था और इसके बाद 1988 में USSR चैम्पीयनशिप के दौरान जब वो 67 वर्ष
के थे तब उनका मुकाबला GMGM वासिल इवानचुक से हुआ था जो की उस वक्त महज 19 वर्ष के थे ,
इस मैच में स्मिस्लोवी ने इवानचुक को काफी शानदार मात दी थी | 

 

करुआना-कोरचनोई

 

GM विक्टर कोरचनोई ने अपना पहला गेम 1945 में खेला था और 2015 में आखरी , उनका शतरंज
करियर अब तक के सबसे लंबे चलने वाले करियर में से एक है ,1978 में उनके और GM कार्पोव के बीच
हुआ विश्व चैम्पीयनशिप का मैच विक्टर के करियर का सबसे ऐतिहासिक मैच था जो की सिर्फ 32 मूव में
समाप्त हो गया था , विक्टर अगर वो मैच जीत जाते तो विश्व चैम्पीयन बन जाते | 2011 में जब कोरचनोई
की उम्र 61 वर्ष थी तब उनका मुकाबला 18 वर्षीय GM फैबियानो कारुआना से हुआ था जिसमें उन्होंने
अपना अनुभवी अमर खेल दिखाया और जीत हासिल की थी | 

 

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Darshna Khudania
Darshna Khudaniahttps://thechesskings.com/
मैं शतरंज की प्रशंसक, शतरंज की खिलाड़ी और शतरंज की कहानियों की एक श्रृंखला की लेखक हूं। मैं लगभग 12 वर्षों से शतरंज खेल रही हूं और इसकी चुनौती, जटिलता और सुंदरता के लिए खेल के प्रति आकर्षित थी। मुझे यह एक पेचीदा खेल लगता है जिसके जीवन में विभिन्न अनुप्रयोग हैं। इसने मुझे एक व्यक्ति के रूप में विकसित होने में मदद की है और यह सीखा है कि कैसे अच्छे निर्णय लेने हैं जो मेरे जीवन के पाठ्यक्रम को बदल सकते हैं।

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