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अन्य कहानियांभारत की युवा वंतिका अग्रवाल रखती है GM बनने का लक्ष्य

भारत की युवा वंतिका अग्रवाल रखती है GM बनने का लक्ष्य

भारत की युवा वंतिका अग्रवाल रखती है GM बनने का लक्ष्य

एक जबरदस्त टूर्नामेंट के बाद शतरंज के खिलाड़ी आमतौर पर अपने संभवत परिणामों को याद करते
हुए आराम करते है पर 20 वर्षीय महिला ग्रैंडमास्टर वंतिका अग्रवाल ऐसी नहीं है , ऐसा नहीं है की वो
उन चालों को अपने मन में दोहराना नहीं चाहती ,दरहसल अपने मैचों का विश्लेषण करने और अपने
अगले प्रतिद्वंदी का अध्ययन करने के बजाए उन्हें परीक्षा के लिए पढ़ना पड़ता है जो की काफी नजदीक
आ चुकी है | वंतिका इस वक्त 2428 एलो रेटिंग के साथ भारत की तीसरी रैंक की महिला खिलाड़ी है
और वो इस वक्त ऑनर्स के साथ   बैचलर ऑफ कॉमर्स पढ़ते हुए शतरंज भी खेलती है |

 

दोनों चीजों में संतुलन बना रही है वंतिका 

प्रोफेशनल शतरंज करियर और ऑनर्स की डिग्री के लिए अध्ययन करते हुए वो अच्छा संतुलन बना रही है जो की काफी बड़ी बात है | हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान वंतिका ने बताया की उनकी माँ फ्लाइट में किताबें पढ़ कर सुनाती है और वो उसे समझने की कोशिश करती है | उन्होंने कहा “प्रतिस्पर्धा के दौरान वास्तव में वो मेरे लिए पढ़ती है और फिर कान्सेप्ट को समझाती है , क्यूंकि वो खुद एक चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं, इसलिए वे ज्यादातर  कान्सेप्टस को जानती है जिन्हें मुझे पढ़ना है | 

 

अब पूरी तरह शतरंज पर केंद्रित है वंतिका 

अब वंतिका का ध्यान पूरी तरह से शतरंज पर केंद्रित है क्यूंकि उन्होंने कुछ ही दिनों पहले अपने छठे सिमेस्टर की परीक्षा समाप्त की है | वंतिका कहती है की “जहां तक मैं पहुँची हूँ वहा तक पहुँचने के लिए मेरे परिवार ने काफी त्याग किए है और अब समय आ गया है मैं उनके प्रयासों का प्रतिफल दूँ | बता दे  आठ साल की उम्र से ही वंतिका सभी स्पोर्ट्स आजमाना चाहती थी , वो आर्ट और पियानो लेसन के लिए भी जाती थी | 

 

स्कूल के दौरान शुरू किया था शतरंज 

हालांकि शतरंज ऐसा खेल नहीं था जिसकी वंतिका के माता-पिता को उम्मीद थी की वो इसकी आदी हो जाएंगी , उन्होंने स्कूल के दौरान अपने से कुछ साल बड़े भाई के साथ शतरंज खेलना शुरू किया था | कुछ बेसिक बाते सीखने के बाद उन्होंने स्कूल में एक टूर्नामेंट जीता और तभी से सब कुछ बदल गया और वो इस खेल के और पहलुओं को सीखना चाहती थी इसलिए उन्होंने अपने माता-पिता से अकादेमी में नामांकित करने के लिए कहा | जब उन्होंने सभी कान्सेप्ट को सीखकर टूर्नामेंट में लागू कर जीत हासिल की तो वो जानती थी की शतरंज खेलना ही सब कुछ है जो वो करना चाहती है | 

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Darshna Khudania
Darshna Khudaniahttps://thechesskings.com/
मैं शतरंज की प्रशंसक, शतरंज की खिलाड़ी और शतरंज की कहानियों की एक श्रृंखला की लेखक हूं। मैं लगभग 12 वर्षों से शतरंज खेल रही हूं और इसकी चुनौती, जटिलता और सुंदरता के लिए खेल के प्रति आकर्षित थी। मुझे यह एक पेचीदा खेल लगता है जिसके जीवन में विभिन्न अनुप्रयोग हैं। इसने मुझे एक व्यक्ति के रूप में विकसित होने में मदद की है और यह सीखा है कि कैसे अच्छे निर्णय लेने हैं जो मेरे जीवन के पाठ्यक्रम को बदल सकते हैं।

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